Gat Bandish Sur - Vadya Yantra Saadhana, Bhag - 3
श्री राजेश कुमार का जन्म 20 सितम्बर 1974 को बोलपुर शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल में हुआ | पिता का नाम स्वर्गीय विमल कुमार और माता का नाम स्वर्गीय आदर देवी था | इन के परिवार में संगीत का माहौल बिलकुल नहीं था | 1988 में राजेश कुमार बंगाल से हरियाणा सोनीपत आकर बस गए | सोनीपत में संगीतज्ञ श्री चमनलाल भास्कर जी से सन 1990 से संगीत सीखना शुरू किया | श्री चमलाल भास्कर जी का अपना संगीत शिक्षा केंद्र है जो कि भास्कर संगीत कला केंद्र के नाम से है | शास्त्रीय संगीत की शिक्षा चमनलाल भास्कर जी से ली और गिटार की शिक्षा उनके सुपुत्र श्री विजय कुमार भास्कर जी से प्राप्त की गायन वादन संगीत प्रवीण (M. A.) प्रयाग संगीत समिति से सन 2000 में सम्पन्न हुआ | तबले की शिक्षा श्री गणपति दास जी से ली जो बोलपुर शांतिनिकेतन में उनका सुर झंकार संगीत शिक्षा केंद्र भी है | ACADEMIC/ General Hindi ‘गत बंदिश’ सुर - वाद्य यंत्र साधना पुस्तक ऐसे छात्रों के लिए लिखी गयी है जो बड़ी बड़ी बंदिशों को देख कर सीखने में डरते हैं और रियाज़ करने से कतराते हैं, इसलिए इस बात को ध्यान में रखकर इन सभी रागों को सरल तरीके से लिखा गया है, ताकी के छात्र आसानी से सीख सकें । इसमें उनकी सुविधा का ध्यान अधिक रक्खा गया है। जो संगीत परीक्षार्थी धनाभाव के कारन अच्छी शिक्षा पाने से वंचित रह जाते हैं । वे छात्र घर पर ही इस पुस्तक के माध्यम से अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं । आज के इस भौतिक युग में समय की कमी है, अत: इस पुस्तक में बहोत लम्बी बंदिश को बहोत छोटा करके लिखा गया है । ताकी बहोत ही सरलता से संगीत हर छात्र सीख सके । इस पुस्तक में परिभाषा, आरोह, अवरोह, पकड़, स्थाई, अंतरा तानें झाला मसीतखानीगत रज़ाख़ानीगत,तिहाई बहोत ही सरलता दिए गए हैं । इस पुस्तक में जो राग दिए गए हैं उन रागों को सितार, गिटार, संतूर, बांसुरी,दिलरुबा सरोद पियानो, सिंथेसाइज़र, और भी ऐसे वाद्यंत्र हैं जिनमे में इन गतों को आसानी बजाया जा सकता है। आशा करता हूँ आपको ज़रूर पसंद आएगी । इस पुस्तक से छात्रों को जरा भी लाभ और सहायता मिले तो आभार समझूंगा ।